ऋषि पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेष रूप से ऋषियों और मुनियों की पूजा के दिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पंचमी तिथि को मनाया जाता है जो कि शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होती है। इस वर्ष, ऋषि पंचमी 2024 में 7 सितंबर को मनाई जाएगी।
पूजन विधि:
1. स्नान और शुद्धता:
सबसे पहले, इस दिन व्रति को प्रात:काल उठकर नहाना चाहिए। स्नान के बाद पवित्र वस्त्र पहनें और स्वच्छ स्थान पर पूजा का आयोजन करें।
2. पूजा स्थल की तैयारी
पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर भगवान गणेश और रिद्धि-सिद्धि की पूजा भी करें।
3. ऋषियों की पूजा:
इस दिन ऋषियों और मुनियों के चित्र या मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करें। उन्हें फूल, अक्षत, कुमकुम, और दीपक अर्पित करें।
4. गायत्री मंत्र का जाप
गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। इसे 108 बार जाप करें:
ॐ भूर् भुवः स्वः
तत् सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात
5. अन्न-धान
- इस दिन विशेष रूप से सात्विक भोजन का भोग भगवान को अर्पित करें। विशेष रूप से चावल, दाल, और हरी सब्जियों का प्रसाद तैयार करें।
- पूजा के बाद, भगवान की आरती करें और निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
ॐ आचार्याय च मूर्ताय
ब्रह्मिणे च महात्मने
गुरु बन्धु महात्मानं
मङ्गलाय च नमोऽस्तु ते
इसके बाद व्रति अपने परिवार के साथ मिलकर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें।
7. ब्राह्मणों को दान
पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन और दान दें। इसे आपके पुण्य के लिए अच्छा माना जाता है।
8. निषेध:-
- इस दिन मांसाहार, शराब, और अन्य तामसी भोजन से दूर रहना चाहिए।
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